अर्थी पे मेरे तिरंगा कफ़न हो
प्रेमियों के भरोसे ज़िन्दगी नही चला करती मित्र...
दूर रह कर सीखा, नजदीकियां क्या है।
वो कॉलेज की खूबसूरत पलों के गुलदस्ते
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
💐Prodigy Love-15💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
राखी रे दिन आज मूं , मांगू यही मारा बीरा
काली मां
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
धूर अहा बरद छी (मैथिली व्यङ्ग्य कविता)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
*बांहों की हिरासत का हकदार है समझा*
व्यक्ति की सबसे बड़ी भक्ति और शक्ति यही होनी चाहिए कि वह खुद
'आभार' हिन्दी ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
24/245. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
"Let us harness the power of unity, innovation, and compassi