जो धधक रहे हैं ,दिन - रात मेहनत की आग में
23/201. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
हर ख्याल से तुम खुबसूरत हो
జయ శ్రీ రామ...
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
खुश होना नियति ने छीन लिया,,
सजे थाल में सौ-सौ दीपक, जगमग-जगमग करते (मुक्तक)
अपनी अपनी बहन के घर भी आया जाया करो क्योंकि माता-पिता के बाद
वो मुझे पास लाना नही चाहता
💐प्रेम कौतुक-162💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मोहब्बत है अगर तुमको जिंदगी से
प्रिय के प्रयास पर झूठ मूठ सी रूठी हुई सी, लाजवंती के गालों