बीरबल जैसा तेज तर्रार चालाक और समझदार लोग आज भी होंगे इस दुन
" मैं फिर उन गलियों से गुजरने चली हूँ "
ਦਿਲ ਦੇ ਦਰਵਾਜੇ ਤੇ ਫਿਰ ਦੇ ਰਿਹਾ ਦਸਤਕ ਕੋਈ ।
उन सड़कों ने प्रेम जिंदा रखा है
ये ऊँचे-ऊँचे पर्वत शिखरें,
*जीवन सिखाता है लेकिन चुनौतियां पहले*
ये तो दुनिया है यहाँ लोग बदल जाते है
इंसान भीतर से यदि रिक्त हो
*धन्य-धन्य वह जीवन जो, श्री राम-नाम भज जीता है 【मुक्तक】*
सभी भगवान को प्यारे हो जाते हैं,
हमको तू ऐसे नहीं भूला, बसकर तू परदेश में
23/64.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
रंग बिरंगी दुनिया में हम सभी जीते हैं।