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18 Jun 2020 · 1 min read

अजीब एहसास ।

हैं जो बिल्कुल अंजाने से,
फिर भी लगते पहचाने से,
कुछ जाने-पहचाने बरसों के,
पर हैं बिल्कुल अंजाने से,

बिना कहे भी कभी-कभी,
बहुत से एहसास हो जाते हैं,
कारवाँ-ए-ज़िंदगी में चलते-चलते,
कुछ अजनबी भी ख़ास हो जाते हैं,

कुछ दे जाते हैं यादें सुनहरी ऐसी,
कि उम्र बीत जाती है भुलाने में ,
कुछ अजनबी हो जाते अपनो से बेहतर,
जाने में या अंजाने में।

-अंबर श्रीवास्तव

Language: Hindi
Tag: शेर
6 Likes · 12 Comments · 281 Views
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