अजब है शख्सियत तेरी
1.
अजब है शख्सियत तेरी , अजब है नूर तेरा
तेरे इस अंदाज़ पर , मर मिटे हैं हम
2.
अकबर है तू इस कायनात में , ऐ मेरे खुदा
अक्सर तुझे इसी अंदाज़ में , देखते हैं लोग
1.
अजब है शख्सियत तेरी , अजब है नूर तेरा
तेरे इस अंदाज़ पर , मर मिटे हैं हम
2.
अकबर है तू इस कायनात में , ऐ मेरे खुदा
अक्सर तुझे इसी अंदाज़ में , देखते हैं लोग