Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Jun 2018 · 1 min read

अजब दुनिया है ए मालिक….

अजब दुनिया है ऐ मालिक ग़ज़ब इसके नज़ारे हैं
कहीं आखों में पानी है कहीं जलते शरारे हैं

कहीं मूरत करे भोजन मजारों पर चढ़े चादर
कहीं भूखी निगाहें एक टुकड़े को निहारे हैं

सिसककर ज़िंदगी जिस राह पर दम तोड़ देती है
वहीं मंदिर बने हैं मस्जिदें हैं गुरू दुआरे हैं

नज़र में आसमां उनकी है जो महलों में रहते हैं
जमीं पर रह रहे हैं जिनकी पलकों पर सितारे हैं

जुदाई है मुक़द्दर में तो उसका साथ नामुमकिन
मुसल्सल साथ चलकर हम नदी के दो किनारे हैं

जो क़िस्मत हाथ में लेकर चला है वह सिकंदर है
सहारा ढूंढते “मासूम” जो किस्मत के मारे हैं

मोनिका “मासूम”
मुरादाबाद

1 Like · 267 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
साईकिल दिवस
साईकिल दिवस
Neeraj Agarwal
बेऔलाद ही ठीक है यारों, हॉं ऐसी औलाद से
बेऔलाद ही ठीक है यारों, हॉं ऐसी औलाद से
gurudeenverma198
2332.पूर्णिका
2332.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
रात के अंँधेरे का सौंदर्य वही बता सकता है जिसमें बहुत सी रात
रात के अंँधेरे का सौंदर्य वही बता सकता है जिसमें बहुत सी रात
Neerja Sharma
तुझे देखने को करता है मन
तुझे देखने को करता है मन
Rituraj shivem verma
जेसे दूसरों को खुशी बांटने से खुशी मिलती है
जेसे दूसरों को खुशी बांटने से खुशी मिलती है
shabina. Naaz
कांधा होता हूं
कांधा होता हूं
Dheerja Sharma
"किस बात का गुमान"
Ekta chitrangini
(12) भूख
(12) भूख
Kishore Nigam
नींदों में जिसको
नींदों में जिसको
Dr fauzia Naseem shad
ज़िंदगी में गीत खुशियों के ही गाना दोस्तो
ज़िंदगी में गीत खुशियों के ही गाना दोस्तो
Dr. Alpana Suhasini
जीवन चक्र में_ पढ़ाव कई आते है।
जीवन चक्र में_ पढ़ाव कई आते है।
Rajesh vyas
#सारे_नाते_स्वार्थ_के 😢
#सारे_नाते_स्वार्थ_के 😢
*Author प्रणय प्रभात*
" बिछड़े हुए प्यार की कहानी"
Pushpraj Anant
ਕਦਮਾਂ ਦੇ ਨਿਸ਼ਾਨ
ਕਦਮਾਂ ਦੇ ਨਿਸ਼ਾਨ
Surinder blackpen
उगते विचार.........
उगते विचार.........
विमला महरिया मौज
💐अज्ञात के प्रति-118💐
💐अज्ञात के प्रति-118💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मौसम ने भी ली अँगड़ाई, छेड़ रहा है राग।
मौसम ने भी ली अँगड़ाई, छेड़ रहा है राग।
डॉ.सीमा अग्रवाल
मुक्तक
मुक्तक
प्रीतम श्रावस्तवी
विद्रोही प्रेम
विद्रोही प्रेम
Rashmi Ranjan
जुनून
जुनून
नवीन जोशी 'नवल'
*वो बीता हुआ दौर नजर आता है*(जेल से)
*वो बीता हुआ दौर नजर आता है*(जेल से)
Dushyant Kumar
रमणीय प्रेयसी
रमणीय प्रेयसी
Pratibha Pandey
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
*पुस्तक समीक्षा*
*पुस्तक समीक्षा*
Ravi Prakash
बावरी
बावरी
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
मन्नत के धागे
मन्नत के धागे
Dr. Mulla Adam Ali
नारी कब होगी अत्याचारों से मुक्त?
नारी कब होगी अत्याचारों से मुक्त?
कवि रमेशराज
"ख्वाब"
Dr. Kishan tandon kranti
*मैं* प्यार के सरोवर मे पतवार हो गया।
*मैं* प्यार के सरोवर मे पतवार हो गया।
Anil chobisa
Loading...