Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Jan 2017 · 1 min read

अजनबी

हम अजनबी थे शहर अजनबी था
किसे अपना कहते कोई नहीं था
पता पूँछते हम किससे रह गुजर का
किसको थी फुरसत कौन इतने करीब था
महज देखने को थे दिलकश नजारें
कोई लालारुख था कोई महजबीं था
लौट आये ‘अएन’ फिर अपने शहर को
बहुत साल पहले जहाँ घर कभी था

1 Like · 335 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सिंदूरी भावों के दीप
सिंदूरी भावों के दीप
Rashmi Sanjay
जन्म से मृत्यु तक भारत वर्ष मे संस्कारों का मेला है
जन्म से मृत्यु तक भारत वर्ष मे संस्कारों का मेला है
Satyaveer vaishnav
बस, इतना सा करना...गौर से देखते रहना
बस, इतना सा करना...गौर से देखते रहना
Teena Godhia
आसान नही सिर्फ सुनके किसी का किरदार आंकना
आसान नही सिर्फ सुनके किसी का किरदार आंकना
Kumar lalit
💐प्रेम कौतुक-465💐
💐प्रेम कौतुक-465💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
तुम्हारी जाति ही है दोस्त / VIHAG VAIBHAV
तुम्हारी जाति ही है दोस्त / VIHAG VAIBHAV
Dr MusafiR BaithA
रामायण में भाभी
रामायण में भाभी "माँ" के समान और महाभारत में भाभी "पत्नी" के
शेखर सिंह
प्यार का यह सिलसिला चलता रहे।
प्यार का यह सिलसिला चलता रहे।
surenderpal vaidya
गई नहीं तेरी याद, दिल से अभी तक
गई नहीं तेरी याद, दिल से अभी तक
gurudeenverma198
संस्कारों की रिक्तता
संस्कारों की रिक्तता
पूर्वार्थ
जीवन और बांसुरी दोनों में होल है पर धुन पैदा कर सकते हैं कौन
जीवन और बांसुरी दोनों में होल है पर धुन पैदा कर सकते हैं कौन
Shashi kala vyas
सहमी -सहमी सी है नज़र तो नहीं
सहमी -सहमी सी है नज़र तो नहीं
Shweta Soni
बिन गुनाहों के ही सज़ायाफ्ता है
बिन गुनाहों के ही सज़ायाफ्ता है "रत्न"
गुप्तरत्न
मार गई मंहगाई कैसे होगी पढ़ाई🙏🙏
मार गई मंहगाई कैसे होगी पढ़ाई🙏🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
एक खाली बर्तन,
एक खाली बर्तन,
नेताम आर सी
Mere shaksiyat  ki kitab se ab ,
Mere shaksiyat ki kitab se ab ,
Sakshi Tripathi
‘बेटी की विदाई’
‘बेटी की विदाई’
पंकज कुमार कर्ण
सच कहूं तो
सच कहूं तो
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
आई होली आई होली
आई होली आई होली
VINOD CHAUHAN
अर्थ नीड़ पर दर्द के,
अर्थ नीड़ पर दर्द के,
sushil sarna
बेवफा मैं कहूँ कैसे उसको बता,
बेवफा मैं कहूँ कैसे उसको बता,
Arvind trivedi
2 जून की रोटी की खातिर जवानी भर मेहनत करता इंसान फिर बुढ़ापे
2 जून की रोटी की खातिर जवानी भर मेहनत करता इंसान फिर बुढ़ापे
Harminder Kaur
मुस्कुरा ना सका आखिरी लम्हों में
मुस्कुरा ना सका आखिरी लम्हों में
Kunal Prashant
सोच
सोच
Neeraj Agarwal
*दशरथ के ऑंगन में देखो, नाम गूॅंजता राम है (गीत)*
*दशरथ के ऑंगन में देखो, नाम गूॅंजता राम है (गीत)*
Ravi Prakash
"जरा सोचिए"
Dr. Kishan tandon kranti
आश पराई छोड़ दो,
आश पराई छोड़ दो,
Satish Srijan
वीर तुम बढ़े चलो!
वीर तुम बढ़े चलो!
Divya Mishra
कितने दिन कितनी राते गुजर जाती है..
कितने दिन कितनी राते गुजर जाती है..
shabina. Naaz
■
■ "अ" से "ज्ञ" के बीच सिमटी है दुनिया की प्रत्येक भाषा। 😊
*Author प्रणय प्रभात*
Loading...