Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Jan 2017 · 1 min read

अजनबी

हम अजनबी थे शहर अजनबी था
किसे अपना कहते कोई नहीं था
पता पूँछते हम किससे रह गुजर का
किसको थी फुरसत कौन इतने करीब था
महज देखने को थे दिलकश नजारें
कोई लालारुख था कोई महजबीं था
लौट आये ‘अएन’ फिर अपने शहर को
बहुत साल पहले जहाँ घर कभी था

1 Like · 336 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कल रहूॅं-ना रहूॅं..
कल रहूॅं-ना रहूॅं..
पंकज कुमार कर्ण
3250.*पूर्णिका*
3250.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*विद्या  विनय  के  साथ  हो,  माँ शारदे वर दो*
*विद्या विनय के साथ हो, माँ शारदे वर दो*
Ravi Prakash
पचीस साल पुराने स्वेटर के बारे में / MUSAFIR BAITHA
पचीस साल पुराने स्वेटर के बारे में / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
तुझे पन्नों में उतार कर
तुझे पन्नों में उतार कर
Seema gupta,Alwar
हर फूल गुलाब नहीं हो सकता,
हर फूल गुलाब नहीं हो सकता,
Anil Mishra Prahari
यूँ ही ऐसा ही बने रहो, बिन कहे सब कुछ कहते रहो…
यूँ ही ऐसा ही बने रहो, बिन कहे सब कुछ कहते रहो…
Anand Kumar
Ek galti har roj kar rhe hai hum,
Ek galti har roj kar rhe hai hum,
Sakshi Tripathi
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
स्वास विहीन हो जाऊं
स्वास विहीन हो जाऊं
Ravi Ghayal
कलानिधि
कलानिधि
Raju Gajbhiye
दिल धड़क उठा
दिल धड़क उठा
Surinder blackpen
महिला दिवस
महिला दिवस
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
एक तरफा दोस्ती की कीमत
एक तरफा दोस्ती की कीमत
SHAMA PARVEEN
I don't care for either person like or dislikes me
I don't care for either person like or dislikes me
Ankita Patel
खिल उठेगा जब बसंत गीत गाने आयेंगे
खिल उठेगा जब बसंत गीत गाने आयेंगे
Er. Sanjay Shrivastava
स्थाई- कहो सुनो और गुनों
स्थाई- कहो सुनो और गुनों
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
शाहजहां के ताजमहल के मजदूर।
शाहजहां के ताजमहल के मजदूर।
Rj Anand Prajapati
इस दुनिया के रंगमंच का परदा आखिर कब गिरेगा ,
इस दुनिया के रंगमंच का परदा आखिर कब गिरेगा ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
शब्द भावों को सहेजें शारदे माँ ज्ञान दो।
शब्द भावों को सहेजें शारदे माँ ज्ञान दो।
Neelam Sharma
"औषधि"
Dr. Kishan tandon kranti
धन तो विष की बेल है, तन मिट्टी का ढेर ।
धन तो विष की बेल है, तन मिट्टी का ढेर ।
sushil sarna
जीवनसाथी
जीवनसाथी
Rajni kapoor
सृजन
सृजन
Prakash Chandra
समुद्रर से गेहरी लहरे मन में उटी हैं साहब
समुद्रर से गेहरी लहरे मन में उटी हैं साहब
Sampada
■ प्रणय के मुक्तक
■ प्रणय के मुक्तक
*Author प्रणय प्रभात*
.तेरी यादें समेट ली हमने
.तेरी यादें समेट ली हमने
Dr fauzia Naseem shad
बलराम विवाह
बलराम विवाह
Rekha Drolia
शिक्षक और शिक्षा के साथ,
शिक्षक और शिक्षा के साथ,
Neeraj Agarwal
जीवन बूटी कौन सी
जीवन बूटी कौन सी
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
Loading...