Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Oct 2020 · 1 min read

अजनबी क्या कोई सगा होगा

अजनबी क्या कोई सगा होगा
इतना तो आपको पता होगा

पहले वो आपका हुआ होगा
बाद में आपको छला होगा

रोज़ इसको अगर कुरेदोगे
ज़ख़्म ये रोज़ ही हरा होगा

बाद में लोग जुट गये होंगे
वो अकेला मगर चला होगा

जब गवाही सही नहीं होगी
क्या सही फिर ये फ़ैसला होगा

कुछ बढ़ाओ क़दम ज़रा आगे
बैठकर सोचने से क्या होगा

अश्क़ आँखों से फिर गिरे होंगे
नाम पानी पे जब लिखा होगा

हिचकियों से मिला इशारा ये
याद उसने भी कर लिया होगा

सच तो ‘आनन्द’ सच रहेगा ही
तोड़कर आइना भी क्या होगा

– डॉ आनन्द किशोर

4 Likes · 1 Comment · 197 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
खुद के होते हुए भी
खुद के होते हुए भी
Dr fauzia Naseem shad
तक्षशिला विश्वविद्यालय के एल्युमिनाई
तक्षशिला विश्वविद्यालय के एल्युमिनाई
Shivkumar Bilagrami
आजा माँ आजा
आजा माँ आजा
Basant Bhagawan Roy
जेएनयू
जेएनयू
Shekhar Chandra Mitra
23/220. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/220. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बस हौसला करके चलना
बस हौसला करके चलना
SATPAL CHAUHAN
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
चांदनी न मानती।
चांदनी न मानती।
Kuldeep mishra (KD)
ये चांद सा महबूब और,
ये चांद सा महबूब और,
शेखर सिंह
मां ने जब से लिख दिया, जीवन पथ का गीत।
मां ने जब से लिख दिया, जीवन पथ का गीत।
Suryakant Dwivedi
*राखी के धागे धवल, पावन परम पुनीत  (कुंडलिया)*
*राखी के धागे धवल, पावन परम पुनीत (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
💐प्रेम कौतुक-538💐
💐प्रेम कौतुक-538💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
औरत का जीवन
औरत का जीवन
Dheerja Sharma
.
.
Ms.Ankit Halke jha
संवेदना...2
संवेदना...2
Neeraj Agarwal
कुत्ते की पूंछ भी
कुत्ते की पूंछ भी
*Author प्रणय प्रभात*
2 जून की रोटी की खातिर जवानी भर मेहनत करता इंसान फिर बुढ़ापे
2 जून की रोटी की खातिर जवानी भर मेहनत करता इंसान फिर बुढ़ापे
Harminder Kaur
I Have No Desire To Be Found At Any Cost
I Have No Desire To Be Found At Any Cost
Manisha Manjari
आज वक्त हूं खराब
आज वक्त हूं खराब
साहित्य गौरव
विजय या मन की हार
विजय या मन की हार
Satish Srijan
"उजाड़"
Dr. Kishan tandon kranti
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
ख़ुश-फ़हमी
ख़ुश-फ़हमी
Fuzail Sardhanvi
" मेरा राज मेरा भगवान है "
Dr Meenu Poonia
रामकली की दिवाली
रामकली की दिवाली
Dr. Pradeep Kumar Sharma
नीर
नीर
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
राजाराम मोहन राॅय
राजाराम मोहन राॅय
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
इन आँखों को भी अब हकीम की जरूरत है..
इन आँखों को भी अब हकीम की जरूरत है..
Tarun Garg
सारी रोशनी को अपना बना कर बैठ गए
सारी रोशनी को अपना बना कर बैठ गए
कवि दीपक बवेजा
बात तब कि है जब हम छोटे हुआ करते थे, मेरी माँ और दादी ने आस
बात तब कि है जब हम छोटे हुआ करते थे, मेरी माँ और दादी ने आस
ruby kumari
Loading...