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5 Nov 2016 · 1 min read

अच्छी बेटी

सभी बेटियों को समर्पित !
मन लगाकर पढ़ती हूं , और शान से जीती हूं !
मैं तो अपने पापा जी की अच्छी वाली बेटी हूं !!
भ्रूण हत्या जो करते हैं, एक दिन वो पछतायेंगे,
मेरी जैसी बेटी जिनकी,उल्लसित हो वो गायेंगे!
मैं खुशियों को फैलाती हूं मैं रिश्तों को सीती हूं !
मैं तो अपने पापा जी…
मैं झांसी की रानी हूँ, इन्दिरा, का प्रतिरूप हूं मैं,
अन्धियारें डर कर भागें ऐसी उज्ज्वल धूप हूं मैं !
ईंट और माटी के ढांचे को मैं ही घर बनाती हूँ !
मैं तो अपने अपने पापा जी…
सावित्री भी मेरे अंदर, सीता भी मेरी परछाईं है,
मैं दुर्गा भी बन जाती हूँ, जब जब आफत आई है
श्री सर् भी कहते हैं, मैं चाँद-तारों से ऊंची हूँ!
मैं तो अपने पापा जी….
-श्रीभगवान बव्वा
(मौलिक रचना, सर्वाधिकार सुरक्षित)
Copy-paste not allowed.

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 468 Views
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