–अच्छी बात नहीं–
वादा कर भुलाना अच्छी बात नहीं।
दिल कोई दुखाना अच्छी बात नहीं।।
अर्श पर बैठा ज़मीं पर गिराया है।
नज़र मिला चुराना अच्छी बात नहीं।।
दिल तोड़ना था तो लगाया किसलिए।
यूँ हँसाके रुलाना अच्छी बात नहीं।।
क़सम खा वादे करना ज़रूरी नहीं।
वादे कर मुकरना अच्छी बात नहीं।।
प्यार दिल का सौदा कोई ख़्वाब नहींं।
आँखों में बसाना अच्छी बात नहीं।।
दर्द देकर सकून नहीं मिलता यहाँ।
सच्चाई भुलाना अच्छी बात नहीं।।
ज़ुबान दी है प्रीतम तो निभाना भी।
बार-बार बहाना अच्छी बात नहीं।।
****राधेयश्याम बंगालिया “प्रीतम”
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