Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Mar 2020 · 1 min read

” अच्छा लगता है “

किसी की गलती को मुस्कुरा कर माफ़ करना ,
हर रात सारी गीले सिकवे भुलाकर सोना ,
अच्छा लगता है ।

बच्चे के दनतुरी मुस्कान को देखना ,
देखते ही सारे दुःख – दर्द भुला जाना ,
अच्छा लगता है ।

हमेशा दूध को देख कर नाक सुकडाना ,
लेकिन खीर पर लार टपकाना ,
अच्छा लगता है ।

बस स्टैंड पर पल भर के लिए बस का इंतजार करना ,
बस का आना निश्चित है फिर भी गर्दन लंबी निकाल कर देखना ,
अच्छा लगता है ।

भाग्य से ज्यादा और समय से पहले कुछ नहीं मिलता जानते हुए भी ,
बार बार प्रयास किए जाना ,
अच्छा लगता है ।

भोजन पकने पर हमें खाना है ये जानते हुए भी ,
भोजन को पकते देख भूख को और बढ़ाना ,
अच्छा लगता है ।

ज्ञान , सम्मान और सफलता मिलने के बाद भी ,
अपने गुरु के सामने वही लड़खड़ाती जबान में बात करना ,
अच्छा लगता है ।

अपने आप से ही रूठ कर ,
खुद को ही मनाना ,
अच्छा लगता है ।

बिना किसी स्वार्थ प्यार जताना ,
बिना हिसाब के प्यार लुटाना ,
अच्छा लगता है ।

? धन्यवाद ?

✍️ ज्योति ✍️

Language: Hindi
1 Like · 431 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from ज्योति
View all
You may also like:
शहर
शहर
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
प्रेम की अनिवार्यता
प्रेम की अनिवार्यता
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
ऐ वतन....
ऐ वतन....
Anis Shah
मतदान से, हर संकट जायेगा;
मतदान से, हर संकट जायेगा;
पंकज कुमार कर्ण
लगाकर मुखौटा चेहरा खुद का छुपाए बैठे हैं
लगाकर मुखौटा चेहरा खुद का छुपाए बैठे हैं
Gouri tiwari
नसीहत
नसीहत
Shivkumar Bilagrami
“मैं सब कुछ सुनकर भी
“मैं सब कुछ सुनकर भी
दुष्यन्त 'बाबा'
बचपन
बचपन
नन्दलाल सुथार "राही"
मेरी ख़्वाहिश ने
मेरी ख़्वाहिश ने
Dr fauzia Naseem shad
कट्टर ईमानदार हूं
कट्टर ईमानदार हूं
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
*नारी के सोलह श्रृंगार*
*नारी के सोलह श्रृंगार*
Dr. Vaishali Verma
रोटी का कद्र वहां है जहां भूख बहुत ज्यादा है ll
रोटी का कद्र वहां है जहां भूख बहुत ज्यादा है ll
Ranjeet kumar patre
"देख मेरा हरियाणा"
Dr Meenu Poonia
हर गलती से सीख कर, हमने किया सुधार
हर गलती से सीख कर, हमने किया सुधार
Ravi Prakash
जिंदगी बस एक सोच है।
जिंदगी बस एक सोच है।
Neeraj Agarwal
3153.*पूर्णिका*
3153.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मुझे भी बतला दो कोई जरा लकीरों को पढ़ने वालों
मुझे भी बतला दो कोई जरा लकीरों को पढ़ने वालों
VINOD CHAUHAN
अब मैं बस रुकना चाहता हूं।
अब मैं बस रुकना चाहता हूं।
PRATIK JANGID
आज तो ठान लिया है
आज तो ठान लिया है
shabina. Naaz
मां
मां
Sûrëkhâ Rãthí
ज़िन्दगी नाम है चलते रहने का।
ज़िन्दगी नाम है चलते रहने का।
Taj Mohammad
दीप में कोई ज्योति रखना
दीप में कोई ज्योति रखना
Shweta Soni
गिला,रंजिशे नाराजगी, होश मैं सब रखते है ,
गिला,रंजिशे नाराजगी, होश मैं सब रखते है ,
गुप्तरत्न
एक तो धर्म की ओढनी
एक तो धर्म की ओढनी
Mahender Singh
कितना रोका था ख़ुद को
कितना रोका था ख़ुद को
हिमांशु Kulshrestha
शहीद दिवस पर शहीदों को सत सत नमन 🙏🙏🙏
शहीद दिवस पर शहीदों को सत सत नमन 🙏🙏🙏
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
वृद्धाश्रम में कुत्ता / by AFROZ ALAM
वृद्धाश्रम में कुत्ता / by AFROZ ALAM
Dr MusafiR BaithA
घड़ियाली आँसू
घड़ियाली आँसू
Dr. Pradeep Kumar Sharma
जीवन अगर आसान नहीं
जीवन अगर आसान नहीं
Dr.Rashmi Mishra
"नया साल में"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...