Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Jan 2017 · 1 min read

अगर तुमसे मिलने की

अगर तुमसे मिलने की तमन्ना न होती ,    
हमारे यूँ दिल मे हलचल न होती……..

जीवन मे अपनो  की जरूर न होती ,
प्यारी सी दुनिया खूबसूरत न होती…….

याद तुम्हारी यूँ सताती न होती,
तुम्हारे लिये यूँ चाहत न होती…

कृष्णा को मिलने की चाहत नहोती,
तो दीपक मे प्यारी बाती न होती…….
कृष्णकांत गुर्जर धनौरा

1 Like · 341 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जुगनू
जुगनू
Dr. Pradeep Kumar Sharma
साईकिल दिवस
साईकिल दिवस
Neeraj Agarwal
Us jamane se iss jamane tak ka safar ham taye karte rhe
Us jamane se iss jamane tak ka safar ham taye karte rhe
Sakshi Tripathi
खोदकर इक शहर देखो लाश जंगल की मिलेगी
खोदकर इक शहर देखो लाश जंगल की मिलेगी
Johnny Ahmed 'क़ैस'
😊संशोधित कविता😊
😊संशोधित कविता😊
*Author प्रणय प्रभात*
चमकते सूर्य को ढलने न दो तुम
चमकते सूर्य को ढलने न दो तुम
कृष्णकांत गुर्जर
॥ संकटमोचन हनुमानाष्टक ॥
॥ संकटमोचन हनुमानाष्टक ॥
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
कभी वैरागी ज़हन, हर पड़ाव से विरक्त किया करती है।
कभी वैरागी ज़हन, हर पड़ाव से विरक्त किया करती है।
Manisha Manjari
रमेशराज के कुण्डलिया छंद
रमेशराज के कुण्डलिया छंद
कवि रमेशराज
पेड़ नहीं, बुराइयां जलाएं
पेड़ नहीं, बुराइयां जलाएं
अरशद रसूल बदायूंनी
तेरी खुशबू
तेरी खुशबू
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
कभी कभी ज़िंदगी में जैसे आप देखना चाहते आप इंसान को वैसे हीं
कभी कभी ज़िंदगी में जैसे आप देखना चाहते आप इंसान को वैसे हीं
पूर्वार्थ
जितना बर्बाद करने पे आया है तू
जितना बर्बाद करने पे आया है तू
कवि दीपक बवेजा
आग लगाते लोग
आग लगाते लोग
DR. Kaushal Kishor Shrivastava
लेखनी को श्रृंगार शालीनता ,मधुर्यता और शिष्टाचार से संवारा ज
लेखनी को श्रृंगार शालीनता ,मधुर्यता और शिष्टाचार से संवारा ज
DrLakshman Jha Parimal
अनसुलझे किस्से
अनसुलझे किस्से
Mahender Singh Manu
वो खूबसूरत है
वो खूबसूरत है
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
एक बात कहूं तुमसे
एक बात कहूं तुमसे
Shekhar Chandra Mitra
प्यार है,पावन भी है ।
प्यार है,पावन भी है ।
Dr. Man Mohan Krishna
इंसान कहीं का भी नहीं रहता, गर दिल बंजर हो जाए।
इंसान कहीं का भी नहीं रहता, गर दिल बंजर हो जाए।
Monika Verma
#शिवाजी_के_अल्फाज़
#शिवाजी_के_अल्फाज़
Abhishek Shrivastava "Shivaji"
फनकार
फनकार
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
माॅं की कशमकश
माॅं की कशमकश
Harminder Kaur
वस्तु काल्पनिक छोड़कर,
वस्तु काल्पनिक छोड़कर,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
हिंदी दोहा -रथ
हिंदी दोहा -रथ
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
2534.पूर्णिका
2534.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
"देश भक्ति गीत"
Slok maurya "umang"
*जाते साधक ध्यान में (कुंडलिया)*
*जाते साधक ध्यान में (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
पांव में मेंहदी लगी है
पांव में मेंहदी लगी है
Surinder blackpen
मेरे स्वयं पर प्रयोग
मेरे स्वयं पर प्रयोग
Ms.Ankit Halke jha
Loading...