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30 Jul 2020 · 1 min read

“अक्सर तुझसे ही बात करना चाहतीं हूं”

अक्सर तुझसे ही ,
बात करना चाहती हूं।
कुछ अपनी कुछ तुम्हारी,
सुनना चाहती हूं।
बताना चाहती हूं ,
बशर्ते मेरी नज़रों के सामने रहो।
मैं तुम्हें देखूं,
और तुम भी प्यार के दो शब्द कहो।
खूबसूरत लम्हों की ,
बात करना चाहतीं हूं।
तेरे बिना बीते पलो का,
हिसाब करना चाहतीं हूं।
अक्सर तुझसे ही,
बात करना चाहतीं हूं।
इंतेजार करना ,
आदत सी बन गई हैं।
क्योंकि तेरी मोहब्बत,
मेरी खातिर अरमान बन गई हैं।
सामने ना सही,
पर आस पास रहना चाहती हूं।
पलके बंद करो जबभी,
तुम्हारे दिल में धड़कना चाहती हूं ।
अक्सर तुझसे ही ,
बात करना चाहती हूं।

Language: Hindi
8 Likes · 10 Comments · 522 Views
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