Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Nov 2016 · 1 min read

अकेले बैठतें हैं अब,जब भी कभी,

अकेले बैठतें हैं अब,जब भी कभी,
कुछ गजलें उतार देते हैं कागजों पर।
अनसुने हो गए जब दिल-ए-अरमान सभी,
खामोशियाँ उतार देते हैं कागजो पर,
अकेले बैठतें हैं अब,जब भी कभी,
कुछ गजलें उतार देते हैं कागजों पर।

जागती आँखों से जिन्हें देखने की भूल की,
अधूरे वो ख्वाब,उतार देते हैं कागजों पर।
सोचा था की,मिलेंगे तब केह देंगे,
वो हर बात,उतार देते हैं कागजों पर।
अकेले बैठतें हैं अब,जब भी कभी,
कुछ गजलें उतार देते हैं कागजों पर।

धुँधली हो गई मगर है जिन्दा ज़ेहन में ,
वो तेरी यादें,उतार देते हैं कागजो पर।
अकेले बैठतें हैं अब,जब भी कभी,
कुछ गजलें उतार देते हैं कागजों पर।
कुछ नज़्मे उतार देते हैं कागजों पर।

कपिल जैन

2 Comments · 672 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
झरोखा
झरोखा
Sandeep Pande
Humans and Animals - When When and When? - Desert fellow Rakesh Yadav
Humans and Animals - When When and When? - Desert fellow Rakesh Yadav
Desert fellow Rakesh
।। परिधि में रहे......।।
।। परिधि में रहे......।।
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
कान्हा भजन
कान्हा भजन
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
जय श्रीकृष्ण । ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः ।
जय श्रीकृष्ण । ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः ।
Raju Gajbhiye
*जितनी बार पढ़ोगे पुस्तक, नया अर्थ मिलता है (मुक्तक)*
*जितनी बार पढ़ोगे पुस्तक, नया अर्थ मिलता है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
श्री राम जय राम।
श्री राम जय राम।
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
सजि गेल अयोध्या धाम
सजि गेल अयोध्या धाम
मनोज कर्ण
मैं और मेरा
मैं और मेरा
Pooja Singh
शायद शब्दों में भी
शायद शब्दों में भी
Dr Manju Saini
.
.
Amulyaa Ratan
सूरज आएगा Suraj Aayega
सूरज आएगा Suraj Aayega
Mohan Pandey
उम्र आते ही ....
उम्र आते ही ....
sushil sarna
मतदान और मतदाता
मतदान और मतदाता
विजय कुमार अग्रवाल
विश्वास करो
विश्वास करो
TARAN VERMA
ज्ञान~
ज्ञान~
दिनेश एल० "जैहिंद"
श्रेष्ठों को ना
श्रेष्ठों को ना
DrLakshman Jha Parimal
लिख दो किताबों पर मां और बापू का नाम याद आए तो पढ़ो सुबह दोप
लिख दो किताबों पर मां और बापू का नाम याद आए तो पढ़ो सुबह दोप
★ IPS KAMAL THAKUR ★
कि हम हुआ करते थे इश्क वालों के वाक़िल कभी,
कि हम हुआ करते थे इश्क वालों के वाक़िल कभी,
Vishal babu (vishu)
समाज सेवक पुर्वज
समाज सेवक पुर्वज
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
2435.पूर्णिका
2435.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
कविता
कविता
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
#एक_शेर
#एक_शेर
*Author प्रणय प्रभात*
*कालरात्रि महाकाली
*कालरात्रि महाकाली"*
Shashi kala vyas
हँसकर जीना दस्तूर है ज़िंदगी का;
हँसकर जीना दस्तूर है ज़िंदगी का;
पूर्वार्थ
"चाँद-तारे"
Dr. Kishan tandon kranti
मत देख कि कितनी बार  हम  तोड़े  जाते  हैं
मत देख कि कितनी बार हम तोड़े जाते हैं
Anil Mishra Prahari
आगाज़-ए-नववर्ष
आगाज़-ए-नववर्ष
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
Kbhi kbhi lagta h ki log hmara fayda uthate hai.
Kbhi kbhi lagta h ki log hmara fayda uthate hai.
Sakshi Tripathi
यूनिवर्सल सिविल कोड
यूनिवर्सल सिविल कोड
Dr. Harvinder Singh Bakshi
Loading...