Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Feb 2017 · 1 min read

अकड किस बात की प्यारे

प्रिये दोस्त,
आज इंसानियत के ऊपर एक छोटा सा निवेदन किया है
सोचता हूँ कि इंसान क्या है, कुछ भी नहीं
फिर भी धरती पर अकड़ इतनी दिखाता है,
पता नहीं क्यूं ??

जब धरती इतनी विशाल है उसको अपने ऊपर घमण्ड नहीं है
तब यह नर क्या चीज है, किस बात का उसको गुमान है !!

क्या भगवा पहन कर तिलक लगा कर
कोई बन जाता है “”हिन्दू”” !!

क्या पगड़ी पहनने दाढ़ी रखने से
कोंई बन जाता है “”सरदार”” !!

क्या दाढ़ी रख मूँछ कटा कर
कोंई बन जाता है “”मुसलमान”” !!

क्या कोट पेण्ट टाई लगा कर
कोई बन जाता है “” क्रिशचिन”” !!

यह तो इक पहनावा है मेरे यार !
सब छोड़ यहाँ जाना है मेरे यार !!
गर कर न सके सेवा मानवता की !
क्या करना है इन सब का मेरे यार !!

दुनिया में आये हैं तो कर्म अच्छे करो मेरे यार !
न किसी को तंग करो यहाँ पर मेरे यार !!
खुशिओं से दामन भर दो किसी का मेरे यार !
तभी बाँटने से तुम को भी मिलेगा प्यार मेरे यार !!

पहरावा तो दुनिया में न रहा किसी का मेरे यार !
उतर कर जाना है यहाँ कफ़न भी मेरे यार !!
जैसे गर्भ में माँ से जन्म लिया था मेरे यार !
बस वैसे ही संसार छोड़ चले जाना है मेरे यार !!

कवि अजीत कुमार तलवार
मेरठ

Language: Hindi
274 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
View all
You may also like:
"अनाज"
Dr. Kishan tandon kranti
दोहा त्रयी. . . .
दोहा त्रयी. . . .
sushil sarna
रक्षा है उस मूल्य की,
रक्षा है उस मूल्य की,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
झुकता हूं.......
झुकता हूं.......
A🇨🇭maanush
दोहा-
दोहा-
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
यही बस चाह है छोटी, मिले दो जून की रोटी।
यही बस चाह है छोटी, मिले दो जून की रोटी।
डॉ.सीमा अग्रवाल
चिट्ठी   तेरे   नाम   की, पढ लेना करतार।
चिट्ठी तेरे नाम की, पढ लेना करतार।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
■ आज की बात....!
■ आज की बात....!
*Author प्रणय प्रभात*
जीवन की गाड़ी
जीवन की गाड़ी
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
दिन और रात-दो चरित्र
दिन और रात-दो चरित्र
Suryakant Dwivedi
बुद्ध
बुद्ध
Bodhisatva kastooriya
खट्टी-मीठी यादों सहित,विदा हो रहा  तेईस
खट्टी-मीठी यादों सहित,विदा हो रहा तेईस
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
कविता
कविता
Alka Gupta
3171.*पूर्णिका*
3171.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
वोटर की लाटरी (हास्य कुंडलिया)
वोटर की लाटरी (हास्य कुंडलिया)
Ravi Prakash
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
वक्त के साथ-साथ चलना मुनासिफ है क्या
वक्त के साथ-साथ चलना मुनासिफ है क्या
कवि दीपक बवेजा
सद्विचार
सद्विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
*मुश्किल है इश्क़ का सफर*
*मुश्किल है इश्क़ का सफर*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
बड़ा अखरता है मुझे कभी कभी
बड़ा अखरता है मुझे कभी कभी
ruby kumari
हिंदी दिवस पर एक आलेख
हिंदी दिवस पर एक आलेख
कवि रमेशराज
हर मसाइल का हल
हर मसाइल का हल
Dr fauzia Naseem shad
💐प्रेम कौतुक-372💐
💐प्रेम कौतुक-372💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
रिश्ते दिलों के अक्सर इसीलिए
रिश्ते दिलों के अक्सर इसीलिए
Amit Pandey
सवाल
सवाल
Manisha Manjari
रिश्तों में वक्त
रिश्तों में वक्त
पूर्वार्थ
कैसा क़हर है क़ुदरत
कैसा क़हर है क़ुदरत
Atul "Krishn"
कभी बेवजह तुझे कभी बेवजह मुझे
कभी बेवजह तुझे कभी बेवजह मुझे
Basant Bhagawan Roy
' चाह मेँ ही राह '
' चाह मेँ ही राह '
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
सौगंध से अंजाम तक - दीपक नीलपदम्
सौगंध से अंजाम तक - दीपक नीलपदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
Loading...