Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Feb 2017 · 1 min read

अंधेरों ने दिखाया है, उजालों ने छुपाया है

अंधेरों ने दिखाया है, उजालों ने छुपाया है,

बने हमदर्द जो मेरे, उन्ही से दर्द पाया है।

जिस दीये की रौशनी से घर चमकता था,

उसी की लौ ने मेरा घर जलाया है।

मेरी पलकों पे जो बूंदें ठहरती हैं,

उन्हें तेरी ही यादों का सहारा है।

किसी के दर्द पे मरहम लगाते हो,

किसी को दर्द देकर के सताया है।

कहीं आँखों में बनके तुम सुकूँ ठहरी,

कहीं आँखों में तुमने गम बसाया है।

मेरे लिखे हुए नगमे गवाही हैं,

तेरी चाहत को सिद्दत से निभाया है।

225 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
गम ए हकीकी का कारण न पूछीय,
गम ए हकीकी का कारण न पूछीय,
Deepak Baweja
मीठी-मीठी माँ / (नवगीत)
मीठी-मीठी माँ / (नवगीत)
ईश्वर दयाल गोस्वामी
*
*"देश की आत्मा है हिंदी"*
Shashi kala vyas
मेरे मालिक मेरी क़लम को इतनी क़ुव्वत दे
मेरे मालिक मेरी क़लम को इतनी क़ुव्वत दे
Dr Tabassum Jahan
कोई यहां अब कुछ नहीं किसी को बताता है,
कोई यहां अब कुछ नहीं किसी को बताता है,
manjula chauhan
मंटू और चिड़ियाँ
मंटू और चिड़ियाँ
SHAMA PARVEEN
रणक्षेत्र बना अब, युवा उबाल
रणक्षेत्र बना अब, युवा उबाल
प्रेमदास वसु सुरेखा
मुट्ठी में आकाश ले, चल सूरज की ओर।
मुट्ठी में आकाश ले, चल सूरज की ओर।
Suryakant Dwivedi
अच्छा लगता है
अच्छा लगता है
Harish Chandra Pande
जिंदगी की सांसे
जिंदगी की सांसे
Harminder Kaur
प्यार समंदर
प्यार समंदर
Ramswaroop Dinkar
2649.पूर्णिका
2649.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
अपार ज्ञान का समंदर है
अपार ज्ञान का समंदर है "शंकर"
Praveen Sain
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
ये आकांक्षाओं की श्रृंखला।
ये आकांक्षाओं की श्रृंखला।
Manisha Manjari
*ये साँसों की क्रियाऍं हैं:सात शेर*
*ये साँसों की क्रियाऍं हैं:सात शेर*
Ravi Prakash
खून के रिश्ते
खून के रिश्ते
Dr. Pradeep Kumar Sharma
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Prakash Chandra
गज़ल सी कविता
गज़ल सी कविता
Kanchan Khanna
सुबह सुबह की चाय
सुबह सुबह की चाय
Neeraj Agarwal
आज़ाद
आज़ाद
Satish Srijan
फेसबूक के पन्नों पर चेहरे देखकर उनको पत्र लिखने का मन करता ह
फेसबूक के पन्नों पर चेहरे देखकर उनको पत्र लिखने का मन करता ह
DrLakshman Jha Parimal
अगर सक्सेज चाहते हो तो रुककर पीछे देखना छोड़ दो - दिनेश शुक्
अगर सक्सेज चाहते हो तो रुककर पीछे देखना छोड़ दो - दिनेश शुक्
dks.lhp
मानसिक विकलांगता
मानसिक विकलांगता
Dr fauzia Naseem shad
गांव के छोरे
गांव के छोरे
जय लगन कुमार हैप्पी
बेनागा एक न एक
बेनागा एक न एक
*Author प्रणय प्रभात*
हौसला अगर बुलंद हो
हौसला अगर बुलंद हो
Paras Nath Jha
मेरा दिन भी आएगा !
मेरा दिन भी आएगा !
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
"पते की बात"
Dr. Kishan tandon kranti
Tu wakt hai ya koi khab mera
Tu wakt hai ya koi khab mera
Sakshi Tripathi
Loading...