Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Jul 2017 · 1 min read

अंतर्मन की पीड़ा

किसे और कैसे बतलाऊँ

किसे और कैसे बतलाऊँ
अन्तर्मन की पीडा को
कौन यहॉ है,जो समझेगा
सम्वेदन की पीडा को ।
कोई नहीं दुनिया में अपना
सभी यहॉ बेगाने हैं ।
जाऊँ कहॉ मैं छोड़ विकल यह
अन्तर्मन की पीडा को ।।

अजब निराले ये रिश्ते हैं
कहने को सब अपने हैं
अपनों के हूँ बीच भले मैं
अनजाने पर सपने हैं ।
कहे- अनकहे रिश्तों की यह
कैसी अज़ब कहानी है ।
न जीने दे न मरने दे यह
अन्तर्मन की पीडा को ।।

आरती लोहनी

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 1 Comment · 706 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*कार्यक्रमों में श्रोता का महत्व【हास्य व्यंग्य】*
*कार्यक्रमों में श्रोता का महत्व【हास्य व्यंग्य】*
Ravi Prakash
इंसान भी तेरा है
इंसान भी तेरा है
Dr fauzia Naseem shad
dream of change in society
dream of change in society
Desert fellow Rakesh
सुकून
सुकून
अखिलेश 'अखिल'
जगमगाती चाँदनी है इस शहर में
जगमगाती चाँदनी है इस शहर में
Dr Archana Gupta
अपना बिहार
अपना बिहार
AMRESH KUMAR VERMA
दो शे'र
दो शे'र
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
गुरु से बडा न कोय🌿🙏🙏
गुरु से बडा न कोय🌿🙏🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
ये धोखेबाज लोग
ये धोखेबाज लोग
gurudeenverma198
याद अमानत बन गयी, लफ्ज़  हुए  लाचार ।
याद अमानत बन गयी, लफ्ज़ हुए लाचार ।
sushil sarna
मौसम का मिजाज़ अलबेला
मौसम का मिजाज़ अलबेला
Buddha Prakash
गूढ़ बात~
गूढ़ बात~
दिनेश एल० "जैहिंद"
।। आरती श्री सत्यनारायण जी की।।
।। आरती श्री सत्यनारायण जी की।।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
जीवन में सही सलाहकार का होना बहुत जरूरी है
जीवन में सही सलाहकार का होना बहुत जरूरी है
Rekha khichi
عيشُ عشرت کے مکاں
عيشُ عشرت کے مکاں
अरशद रसूल बदायूंनी
"निखार" - ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
शिष्टाचार के दीवारों को जब लांघने की चेष्टा करते हैं ..तो दू
शिष्टाचार के दीवारों को जब लांघने की चेष्टा करते हैं ..तो दू
DrLakshman Jha Parimal
#ऐसे_समझिए...
#ऐसे_समझिए...
*Author प्रणय प्रभात*
तन्हाई
तन्हाई
Sidhartha Mishra
"भीमसार"
Dushyant Kumar
भौतिकवादी
भौतिकवादी
लक्ष्मी सिंह
"याद"
Dr. Kishan tandon kranti
वक्त के हाथों मजबूर सभी होते है
वक्त के हाथों मजबूर सभी होते है
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
मुश्किलें जरूर हैं, मगर ठहरा नहीं हूँ मैं ।
मुश्किलें जरूर हैं, मगर ठहरा नहीं हूँ मैं ।
पूर्वार्थ
गरीबों की शिकायत लाजमी है। अभी भी दूर उनसे रोशनी है। ❤️ अपना अपना सिर्फ करना। बताओ यह भी कोई जिंदगी है। ❤️
गरीबों की शिकायत लाजमी है। अभी भी दूर उनसे रोशनी है। ❤️ अपना अपना सिर्फ करना। बताओ यह भी कोई जिंदगी है। ❤️
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
दलित साहित्यकार कैलाश चंद चौहान की साहित्यिक यात्रा : एक वर्णन
दलित साहित्यकार कैलाश चंद चौहान की साहित्यिक यात्रा : एक वर्णन
Dr. Narendra Valmiki
*****आज़ादी*****
*****आज़ादी*****
Kavita Chouhan
2608.पूर्णिका
2608.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
अमीर-गरीब के दरमियाॅ॑ ये खाई क्यों है
अमीर-गरीब के दरमियाॅ॑ ये खाई क्यों है
VINOD CHAUHAN
शिद्दत से की गई मोहब्बत
शिद्दत से की गई मोहब्बत
Harminder Kaur
Loading...