Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Jan 2018 · 1 min read

अंगुलियाँ

तड़पती हैं
एक पिता की
सभी अंगुलियाँ
एक छोटा,नन्हा बालक
कब दौड़ता हुआ आए
और
झट से मुझे थाम ले
तपस्या करती हैं
दिन रात
पिता की अंगुलियाँ
इसी उद्देश्य से,
शायद विधाता ने
इसी निमित्त इनका
निर्माण किया है
चाहे जितनी भी गलतियाँ
बच्चे से हुई हों
अँगुलियों का स्पर्श
उसे पकड़ लेने मात्र से
पिता के भीतर जो
माँ छिपी होती है
वह धीमे धीमे
बाहर आने लगती है
पितृत्त्व के तह में
जो मधुर मातृत्त्व
पल-पल पलता रहता है,जो
पल-पल
अपनी इच्छाओं का
दमन कर,पोषता है
बच्चों की इच्छाओं को
वह धीमे से जागृत हो जाता है
इच्छाओं की पूर्त्ति हेतु
झट तैयार हो जाता है
मासूम,मुस्कुराते चेहरे को देखकर,
अँगुलियों पर छोटी अंगुलियाँ
नृत्य करती रहती हैं
मन के सारे भाव
व्यक्त करती रहती हैं
अत्यंत सहजता से
वही नन्हीं अंगुलियाँ
मिठाई की मिठास
चॉकलेट की मिठास
दुकानों में लगे खिलौनों के प्रति
आकर्षण या विकर्षण
सहज बता जाती हैं
और पिता बिना अपनी जेब देखे
अँगुलियों पर नाचती अँगुलियों
की भाषा समझकर
खिलौनों की ओर
दौड़ने को मज़बूर हो जाता है
अंगुलियों पर अंगुलियाँ
नाचती रहती हैं
पिता पर गर्व कर
हँसते,मुस्कुराते।
~~अनिल मिश्र,प्रकाशित

Language: Hindi
379 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
आज की पंक्तिजन्म जन्म का साथ
आज की पंक्तिजन्म जन्म का साथ
कार्तिक नितिन शर्मा
कविता ....
कविता ....
sushil sarna
दोस्ती
दोस्ती
Mukesh Kumar Sonkar
गरीबों की शिकायत लाजमी है। अभी भी दूर उनसे रोशनी है। ❤️ अपना अपना सिर्फ करना। बताओ यह भी कोई जिंदगी है। ❤️
गरीबों की शिकायत लाजमी है। अभी भी दूर उनसे रोशनी है। ❤️ अपना अपना सिर्फ करना। बताओ यह भी कोई जिंदगी है। ❤️
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
****** घूमते घुमंतू गाड़ी लुहार ******
****** घूमते घुमंतू गाड़ी लुहार ******
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*धन्य तुलसीदास हैं (मुक्तक)*
*धन्य तुलसीदास हैं (मुक्तक)*
Ravi Prakash
सारे नेता कर रहे, आपस में हैं जंग
सारे नेता कर रहे, आपस में हैं जंग
Dr Archana Gupta
"अजीब फलसफा"
Dr. Kishan tandon kranti
Saso ke dayre khuch is kadar simat kr rah gye
Saso ke dayre khuch is kadar simat kr rah gye
Sakshi Tripathi
हर दिन रोज नया प्रयास करने से जीवन में नया अंदाज परिणाम लाता
हर दिन रोज नया प्रयास करने से जीवन में नया अंदाज परिणाम लाता
Shashi kala vyas
मुझे बेपनाह मुहब्बत है
मुझे बेपनाह मुहब्बत है
*Author प्रणय प्रभात*
चमकते तारों में हमने आपको,
चमकते तारों में हमने आपको,
Ashu Sharma
यारा ग़म नहीं
यारा ग़म नहीं
Surinder blackpen
मेरे ख्याल से जीवन से ऊब जाना भी अच्छी बात है,
मेरे ख्याल से जीवन से ऊब जाना भी अच्छी बात है,
पूर्वार्थ
दोस्त
दोस्त
Pratibha Pandey
किए जिन्होंने देश हित
किए जिन्होंने देश हित
महेश चन्द्र त्रिपाठी
क्या कर लेगा कोई तुम्हारा....
क्या कर लेगा कोई तुम्हारा....
Suryakant Dwivedi
बगावत की बात
बगावत की बात
AJAY PRASAD
एक रूपक ज़िन्दगी का,
एक रूपक ज़िन्दगी का,
Radha shukla
सब्र का फल
सब्र का फल
Bodhisatva kastooriya
जीवन कभी गति सा,कभी थमा सा...
जीवन कभी गति सा,कभी थमा सा...
Santosh Soni
*जातक या संसार मा*
*जातक या संसार मा*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
ਸੰਵਿਧਾਨ ਦੀ ਆਤਮਾ
ਸੰਵਿਧਾਨ ਦੀ ਆਤਮਾ
विनोद सिल्ला
आपकी बुद्धिमत्ता को कभी भी एक बार में नहीं आंका जा सकता क्यो
आपकी बुद्धिमत्ता को कभी भी एक बार में नहीं आंका जा सकता क्यो
Rj Anand Prajapati
मेरे अंदर भी इक अमृता है
मेरे अंदर भी इक अमृता है
Shweta Soni
3111.*पूर्णिका*
3111.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
छेड़ कोई तान कोई सुर सजाले
छेड़ कोई तान कोई सुर सजाले
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
3-“ये प्रेम कोई बाधा तो नहीं “
3-“ये प्रेम कोई बाधा तो नहीं “
Dilip Kumar
Lonely is just a word which can't make you so,
Lonely is just a word which can't make you so,
Sukoon
* कभी दूरियों को *
* कभी दूरियों को *
surenderpal vaidya
Loading...