
Jun 15, 2016 · गज़ल/गीतिका
ग़ज़ल
ऐ ख़ुदा हमको तिरी रहमत सुहानी चाहिए
हर जगह बस तेरी ही सूरत नुरानी चाहिए
मैं इबादत करके’ माँगू तुझसे बस इतनी दुआ
आदमी में आदमी जैसी निशानी चाहिए
ख़त्म हो खुदगर्ज़ियाँ ये बस मुहब्बत ही रहे
मुझको हर इक चेहरे पे बस शादमानी चाहिये
मतलबी बुनियाद जिनकीवो झुकाते है नज़र
मुझको हर रिश्ता सदा ही बस रुहानी चाहिए
कारवाँ लेकर चले हम भी दिले जज़्बात का
मेरा दिल जो कर दे रौशन वो कहानी चाहिए
याद आए मुझको’ दादी की कहानी हर घड़ी
आज भी मुझको वही परियों की रानी चाहिए
दिल यही माँगे दुआ जज़्बाती तेरी चाह में
ख़ुश रहे तू हर जगह बस खुशगुमानी चाहिए
जज़्बाती

मेरा नाम सर्वोत्तम दत्त पुरोहित है मैं राजस्थान के जोधपुर शहर का बाशिंदा हूँ ,...

You may also like: