
Jul 13, 2016 · गज़ल/गीतिका
ग़ज़ल(ये किसकी दुआ है )
ग़ज़ल(ये किसकी दुआ है )
मैं रोता भला था , हँसाया मुझे क्यों
शरारत है किसकी , ये किसकी दुआ है
मुझे यार नफ़रत से डर ना लगा है
प्यार की चोट से घायल दिल ये हुआ है
वक्त की मार सबको सिखाती सबक़ है
ज़िन्दगी चंद सांसों की लगती जुआँ है
भरोसे की बुनियाद कैसी ये जर्जर
जिधर देखिएगा धुँआ ही धुँआ है
मेहनत से बदली “मदन ” देखो किस्मत
बुरे वक्त में ज़माना किसका हुआ है
ग़ज़ल(ये किसकी दुआ है )
मदन मोहन सक्सेना

मदन मोहन सक्सेना पिता का नाम: श्री अम्बिका प्रसाद सक्सेना संपादन :1. भारतीय सांस्कृतिक समाज...

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