
Dec 29, 2020 · कविता
हे ईश्वर इस जहां से कीजै , कोरोना को दूर
हाहाकार हर ओर मचा है , हुए हैं सब मजबूर
हे ईश्वर इस जहां से कीजै , कोरोना को दूर
बंद पड़ा हर ओर यहां है , हुआ है क्षय सरताज यहां
मन पर दहशत की चलती, भय का चलता राज यहां
कल तक तो सब अच्छा ये हुआ क्या जाने आज यहां
महामारी है चरम पर अपने , गिरी हुई है गाज यहां
जाने क्यों मंशा होनी की, हुई है इतनी क्रूर
हे ईश्वर इस जहां से कीजै , कोरोना को दूर
अपनी दया व करुणा का अनुदान दीजिए जग को
ज्ञान दीजिए और क्षमा का दान दीजिए जग को
सारी विपदा को हर कर राहें आसान दीजिए जग को
जीतने का इस संकट से वरदान दीजिए जग को
अर्जी यही हमारी दिल से कर लीजै मंजूर
हे ईश्वर इस जहां से कीजै , कोरोना को दूर
विक्रम कुमार
ग्राम – मनोरा
पोस्ट – बीबीपुर
जिला – वैशाली
बिहार- 844111
मोबाईल नंबर – 6200597103
This is a competition entry: "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता
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