Feb 9, 2021 · कविता
हां मैं थक गया हूं
अब कुछ भी करने का
मन नहीं करता
थक गया हूं शायद
करवट बदलने का भी
मन नहीं करता ।।
सामना किया है
बहुत मुश्किलों का
ज़िन्दगी में अबतक
नहीं दिया साथ कभी
किस्मत ने अबतक
फिर भी डटकर
सामना किया था
हर चुनौती का अबतक
पर करता रहता
ये सब मैं कबतक
हां अब मैं थक गया हूं ।।
हारा हूं जिंदगी से
या फिर विश्राम
की ज़रूरत है
ये मै नहीं जानता
जानता हूं तो बस
ये के मुझे इस वक्त
तेरी ज़रूरत है ।।
तुम जो साथ दो
तो शायद मुझमें
ज़िन्दगी का सामना
करने की हिम्मत
फिर से आ जाए
जिसकी कमी है
वो जुनून फिर से
पैदा हो जाए ।।
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