हम नरभक्षी हो गये
जाने कौन लोग होते हैं वो
भीड़ से मारे जाते हैं
जाने कैसी भीड़ होती है
जो लोगों को मार देती है
मानवता खतम हो गयी
या मानवता शब्द के मायने खतम हो गये
दया-भाव और संवेदना
हमारी रूह कि डिक्शनरी से गायब हो गये
लगता है हम
जीते-जागते रोबोट हो गये
जाने कैसी भीड़ होती है
जो लोगों को मार देती है
जाने क्यों हमारा खुन
बर्फ बन गया है
उबलता ही नहीं
जंगल हमारा घर नहीं
फिर क्यों हम नरभक्षी होते जा रहे
लगता है हमारे रगों का
डी.एन.ए भी बदल गया है
जाने कैसी भीड़ होती है
जो लोगों को मार देती है
पाप-पुण्य का डर अगर
हमारे पूर्वजों ने ना बोया होता
तो ना जाने आज कितने इंसान
दानव ही कहलाता
जाने कौन लोग होते हैं वो
भीड़ से मारे जाते हैं ।
~रश्मि
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Kumari Rashmi
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