Feb 25, 2021 · कविता
*समझ ऊपर वाले की रज़ा*
लुटने में नहीं लुटाने में मजा !
इसी में ऊपर वाले की रज़ा !!
दुश्मन को माफ़ करना ही !
उसकी सबसे बड़ी सज़ा !!
समझ ऊपर वाले की रज़ा !
देगा वो तुझसे बेहतर सज़ा !!
नियत साफ़ रख अपनी !
और उठा जिंदगी का मजा !!
जिसको देते नहीं हम सज़ा !
देता है उसे ऊपर वाला सज़ा !!
तू बस अपना कर्म करे जा !
मिलेगी बुरे कर्म वाले को सज़ा !!
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*Writer* & *Wellness Coach* ---------------------------------------------------- मकसद है मेरा कुछ कर गुजर जाना । मंजिल मिलेगी...

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