
Mar 27, 2020 · कविता
सतर्कता
गवाह है
इतिहास
पार की
जब जब
लक्ष्मण रेखा
परेशानी में
पड़ा मानव
हैं
प्राकृति
की भी हदें
स्वच्छ हो
पर्यावरण
दूर हो
प्रदूषण
रखें दूरी
आपस में
पर जुड़े रहें
मन से
जीने दें
जीव जन्तुओं
को स्वतंत्र
न करें
अत्याचार
है आज
कठिन परीक्षा
विश्व जूझ रहा
कोरोना से
लकीरें खींची है
घर घर में
कोरोना को
हराना है
घर में ही
रहना है
है अपने
घरों की
लक्ष्मण रेखा
पार नहीं
करना है
मिले जब
सूचना
संकट टलने की
तभी
घरों से बाहर
निकलना है
स्वलिखित
लेखक संतोष श्रीवास्तव

लेखन एक साधना है विगत 40 वर्ष से बाल्यावस्था से होते हुए आज लेखन चरम...

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