
Jul 14, 2016 · शेर
शैर
तरक़्क़ियों के नशे में ख़ुदी को भूल गया.,
जो रहनुमा था, मुसाफ़िर उसी को भूल गया.!
तमाम रात लड़ी जंग जिन चराग़ों ने.,
सहर हुई तो ज़माना उन्ही को भूल गया..!!
( ख़ुमार देहल्वी )
१४/०७/२०१६

A Urdu Poet

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