
Aug 9, 2016 · कविता
वो काम करता है
वो काम करता है
वो
काम करता है
नाम करता है |
उसका हर काम
हाकिम का करम
निजाम की नजर |
वो
यों ही नहीं
ईनाम लाता ?
इकराम पाता ?
कल ही की बात लें –
गलियारे के
दो बूंद पानी को
अधिपति तक फैलाया
राम लाल से सुंतवाया |
तभी तो
वो काम करता है |
नाम करता है
वहीँ बे–मुनादी
खाली पेट, बेहाल
सुबह से काम में जुता
दर्दी रामलाल
नाज़िम–ए-नजर
निकम्मा है
तो
रामलाल काम नहीं करता
हाँ
रामलाल काम नहीं करता |

राम निवास बांयलाrnप्रकाशित कृतियाँ- बोनसाई (कविता संग्रह ) हिमायत (लघु कथा संग्रह) rnसंपादित - पाप...

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