
Sep 3, 2020 · कविता
रिश्ता तो हमारा है ना।
गलती आपकी हो या मेरी
पर रिश्ता तो हमारा है ना।
कभी शिकायत है तो कभी चेहरे पर हंसी,
मनाने के लिए खुद भी मुस्कुराओगे ना?
क्योंकि गलती आपकी हो या मेरी पर रिश्ता तो हमारा है ना।।
अगर मैं कभी बता ना पाऊं अपने दर्द को,
तो आंखों में देख कर समझ जाओगे ना?
क्योंकि गलती आपकी हो या मेरी पर रिश्ता तो हमारा है ना।।
अगर कभी हंसते हंसते रो पड गई मै,
तुम मेरी उलझन को सुलझाओगे ना?
क्योंकि गलती आपकी हो या मेरी रिश्ता तो हमारा है ना।।
अगर कभी आपके आंखों के सामने ना दिख पाऊ,
फिर भी तुम मुझे महसूस कर पाओगे ना?
कभी गलत भी हो गई मैं तो,
माफ कर पाओगे ना?
क्योंकि गलती आपकी हो या मेरी
पर रिश्ता तो हमारा है ना।।
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