Apr 24, 2020 · गज़ल/गीतिका
राज़ दिल का हमें बताना है
राज़ दिल का हमें बताना है
बात करना तो इक बहाना है
मेरी दुनिया सँवारने वाले
अब तुझे ज़िंदगी में लाना है
पूछते हैं कहाँ मैं रहता हूँ
दिल में किसके मेरा ठिकाना है
रास्ते में कभी न छोड़ेंगे
उम्रभर साथ ये निभाना है
ज़िन्दगी का मेरी सबब है तू
मेरा मकसद तुझे ही पाना है
कोहरा छिप गया कहीं जाकर
धूप निकली है दिन सुहाना है
कौन गुलज़ार हो रहा ‘सागर’
खोल कर ये भी तो दिखाना है


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