
Aug 18, 2016 · गज़ल/गीतिका
ये राखी रीत है प्यारी बहन भाई मिलाती है
ये राखी रीत है प्यारी बहन भाई मिलाती है
कलाई भाई की बहनों के हाथों से सजाती है
अगर मज़बूर हो बहना रहे परदेश राखी पर
तो करके याद भाई को बहुत आँसू बहाती है
बहुत मजबूत होता है बहन का भाई से रिश्ता
तभी इक डोर नाजुक सी इन्हें यूँ बाँध पाती है
बहन सुख दुख में भाई के खड़ी यूँ साथ में रहती
कि भाई को बहन में ही दिखाई माँ दे जाती है
वो लड़ना,रूठ जाना,खिलखिलाना बातों बातों में
बहन भाई को राखी याद बचपन की दिलाती है
बहन को प्यार बाबुल सा ही मिले बस भाई से जग में
तभी तो भाई में बहना पिता का रूप पाती है
नहीं उपहार प्यारा प्यार से है ‘अर्चना’ बढ़कर
सलामत बस रहे भैया दुआ बहना मनाती है
डॉ अर्चना गुप्ता

डॉ अर्चना गुप्ता (Founder,Sahityapedia) "मेरी प्यारी लेखनी, मेरे दिल का साज इसकी मेरे बाद भी,...

You may also like: