
Jul 23, 2016 · मुक्तक
यूं ही
एक नजर……आज यूँ ही पर……………..आपकी नजर
न दे तू इल्जाम हवाओं को यूँ ही
रोक कुछ देर फिजाओं को यूँ ही
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मैने ये कब कहा कि लौटूंगा नही
रोक कुछ देर तमन्नाओ को यूँ ही
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कपिल कुमार
15/02/2016
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From Belgium

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