Nov 14, 2018 · कविता
"मेरी माँ :-मेरी पहचान"
माँ शब्द मेरी जिंदगी का सबसे बड़ा गुमान हैं,
माँ ही मेरी जिंदगी और माँ से ही मेरी पहचान हैं,
अंधेरों से उजालों तक के इस सफर में,
मशाल बन कर मेरी माँ ने दिया बहुत बड़ा योगदान हैं,
हर मुसीबत से बचाया मुझे,जिंदगी जीना सिखाया मुझें,
हर कदम पे संभाला मुझे, हार कर जीतना सिखाया मुझें,
सब कुछ दिया बचपन से जिसकी जिद की,
त्याग दी सारी जरूरते और ख्वाहिशें खुद की,
आज जहाँ तक मैं पहुँचा हूँ,ये मेरी माँ के त्याग का परिणाम हैं,
मेरी जिंदगी में माँ आपके अनगिनत कर्ज-एहसान है,
मेरी माँ के लिये एक क्या ऐसे सौ जनम भी कुर्बान है,
इस धरती पर मेरे लिये मेरी माँ ही सच्चा भगवान हैं !!
युवा कवि और लेखक
शिवांकित तिवारी
सतना (म.प्र.)
This is a competition entry: "माँ" - काव्य प्रतियोगिता
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