
Oct 28, 2018 · मुक्तक
*"मुस्कान"*
मुस्कान को अधरों पे सजाया है इस कदर की उदासी भी कहने लगी !
चाहत हमारी भी कर लो थोड़ी हमें तेरी मुस्कान से जलन होने लगी !!
जब महसूस किया उदासी को तो दिल भर आया आँखे रोने लगी !
मुस्कान निकली सच्ची दोस्त आँसू के साये में भी अधरों पे छाने लगी !!
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*Writer* & *Wellness Coach* ---------------------------------------------------- मकसद है मेरा कुछ कर गुजर जाना । मंजिल मिलेगी...

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