
Jun 24, 2016 · मुक्तक
जीवन
जीवन यज्ञशाला, परिश्रम की आहुतियाँ जरूरी
रहो कर्मरत ,सब सपने और ख़्वाहिशें हो पूरी
गीता का ज्ञान याद रखो , कंटक मार्ग हो सुलभ
समस्याएं मिट जायेंगी, फिर न कोई मजबूरी।

poet and story writer

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