
Jun 24, 2016 · मुक्तक
रंग-रंगोली
हुरियारिन रंग डाले हुरियारे मन भाई होली
घुमा-घुमा लट्ठ मार रही, करती हंसी-ठिठोली
प्रेम पगे रंग लगे जोश से बजे ढोल मृदंग
हृदय के भीतर छा गई खुशियों की रंग रंगोली

poet and story writer

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