* मुक्तक *
अंत ही आरम्भ है नई शुरुआत का ।
चलते रहो बेख़ौफ़ डर किस बात का ।।
जीवन मिला है तो मौत भी निश्चित है ।
अंत से घबराकर भागना किस बात का ।।
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Neelam Ghanghas Ji
चंडीगढ़ हरियाणा
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*Writer* & *Wellness Coach* ---------------------------------------------------- मकसद है मेरा कुछ कर गुजर जाना । मंजिल मिलेगी...

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