
May 16, 2016 · कविता
तोल-मोल
तोल-मोल के बोल ये दुनिया गोल-मोल
हंसी उड़ाये पल में देगी पोल खोल
शब्दों पर अंकुश हो संशय हो न कोई
वाणी वचनामृत में सुधारस घोल-घोल

poet and story writer

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