
Jun 16, 2016 · मुक्तक
खट्टे-मीठे
खट्टे-मीठे अनुभवों को आत्मसात रख
कुछ कडुवा भी मिले यदि मैले न जज़्बात रख
दिल को न अंगार बना,संयम बहुत ज़रूरी
शांतिपूर्वक सामने आकर अपनी बात रख।

poet and story writer

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