
Jun 16, 2016 · मुक्तक
सूखा
ये जल विहीन धरा की लिपियाँ सूखे की निशानी
कुंभ सिर, हाथ धर चली पीताम्बरी, भरने पानी
तपती दोपहर, गर्मी का कहर , वृक्ष नदी न नहर
खोजे जल रसोई की रानी, ये जीवन कहानी।

poet and story writer

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