
Apr 12, 2020 · कविता
मुक्तक
सँवर कर हूर होतै जा रहे है
नशे में चूर होते जा रहे है
खता कर वो हमारे साथ ऐसी
नजर काफूर होते जा रहे है

डॉ मधु त्रिवेदी शान्ति निकेतन कालेज आफ बिजनेस मैनेजमेंट एण्ड कम्प्यूटर साइंस आगरा प्राचार्या, पोस्ट...

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