
Jul 5, 2016 · मुक्तक
मुक्तक :-- जिंदा लाश से लिपटी रही !!
मुक्तक :– जिंदा लाश से लिपटी रही !!
आज मेरी साँस तेरी साँस से लिपटी रही !
और पलकें एक हसीं अहसास से लिपटी रही !
दर्द से पत्थर जिगर भी टूर कर कुम्हला गय़ा ,
आरजू मेरी आश जिंदा लाश से लिपटी रही !!
अनुज तिवारी “इन्दवार”
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नाम - अनुज तिवारी "इन्दवार" पता - इंदवार , उमरिया : मध्य-प्रदेश लेखन--- ग़ज़ल ,...

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