
मार भगाओ कोरोना
जग में मचा हुआ है रोना धोना
मिलकर मार भगाओ ये कोरोना
छोटा बच्चा है या कोई बड़ा है
हर शख्स कैद घर में ही पड़ा है
छाया यही एक खौफ चारों ओर
टूट न जाए कहीं ये जीवन डोर
मुश्किल में होश नहीं अपने खोना
मिलकर मार भगाओ ये कोरोना
किताबों से यही सदा सीखा ज्ञान
सफाई का हमको रखना है ध्यान
साफ रखोगे अगर अपना परिवेश
निश्चित स्वस्थ रहेगा अपना देश
जीवन से हाथ नहिं पड़ेगा धोना
मिलकर मार भगाओ ये कोरोना
गर जरूरी हो तभी बाहर जाना
इतनी बात सभी को तुम समझाना
धीरज रखकर काम चलाना होगा
इस मुहिम में सभी को आना होगा
छोड़ो जी, अपनी किस्मत को रोना
मिलकर मार भगाओ ये कोरोना
सर पर डोलता मौत का साया है
यह नासूर तो चीन से आया है
आई आज कितनी मुश्किल घड़ी है
जान सबकी ही आफत में पड़ी है
रहो सतर्क छोड़कर रोना धोना
मिलकर मार भगाओ ये कोरोना
अरशद रसूल
This is a competition entry: "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता
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फोन : 9411469055/ - जन्म स्थान : बादुल्लागंज, ज़िला बदायूं (उत्तर प्रदेश)। - शिक्षा: एमए,...


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