
Nov 3, 2018 · कविता
माँ को लगता है
माँ को लगता है
बेटा उसकी फ़िक्र नहीं करता
पर वो नहीं जानती जब वो नंगे पाँव चलकर
अपने पैर में कुछ चुभो लेती है
तो दर्द बेटे को भी होता है
माँ को लगता है
बेटा उसे डांटता रहता है
पर वो नहीं जानती जब वो भूल से ही गैस का बर्नर
बंद करना भूल जाती है तो उसके ना होने के डर से ही
उसका बेटा डरता रहता है
माँ को लगता है
उसका बेटा उसकी देखभाल नहीं करता
पर माँ को क्या पता जब वो नींद में होती है
बेटा चुपके से उसकी मालिश कर रहा होता है
माँ को लगता है
उसका बेटा जी लेगा उसके बिना भी पर माँ को क्या पता
जब माँ को दर्द होता है बेटा भी कहाँ चैन से सोता है.
नाम–अभिषेक राजहंस
शहर-रोसड़ा
This is a competition entry: "माँ" - काव्य प्रतियोगिता
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