
Jul 8, 2016 · कुण्डलिया
ममता
ममता ममता होत है, नर पशु खग में एक ।
खग के बच्चे कह रहे, मातु हमारी नेक ।
मातु हमारी नेक, रोज दाना है लाती ।
अपने पंख पसार, मधुर लोरी भी गाती ।
वह मुख से मुख जोड़, हमें सिखलाती समता ।
जीवन के हर राह, काम आती है ममता ।।
-रमेश चौहान

हिन्दी एवं छत्तीसगढ़ी भाषा में भारतीय छंद विधा का कवि

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