
Jun 13, 2016 · कविता
मजहब हिन्दुस्तान
ना मैं सिख ना मैं ईसाई, ना ही हिंदू मुसलमान हूं मैं।
ना मैं बाइबल ना मैं ग्रंथ, ना ही गीता कुरान हूँ मैं।
शर्म करो मजहब पर लडने वालों, इंसानियत ही है धर्म मेरा।
ना झोंको मुझे इस आग में, तुम सबका हिंदुस्तान हूँ मैं।

Consultant Endodontist. Doctor by profession, Writer by choice. बाकी तो खुद भी अपने बारे में...

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