Jan 13, 2021 · कविता
भयानक आई कोरोना बीमारी
भयानक आई है कोरोना बीमारी
छुआछूत से भरी हुई ये महामारी
दिखावा करना बंद करो तुम सब
नियमो का पालन करो तुम यारी
व्रत लो कि इस नवरात्रि में ये सब
नहीं आने देँगे घर मे हम बिमारी
हाथ जोड़कर ये निवेदन घर रहों
इतनी सी बात मानलो तुम हमारी
नहीं इलाज़ इसका झाड़फूंक से
नहीं ठीक करें काली भेरो सवारी
हम बाहर सिर्फ इसलिए डयूटी पे
सुरक्षित रखें भारत के हर नर नारी
वन्दे मातरम भारत माता की जय हो
समझ आये अशोक की बात तुम्हारी
बाहर घूमना को छोड़ो तुम कुछ दिन
वरना पुलिस उतारेगी ये इश्क खुमारी

स्नातक पास कविता लिखना व कार्टून बनाना अधूरा मुक्तक ,अधूरी ग़ज़ल, काव्यगंगा, हमारी बेटियां आदि...

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