
Jul 29, 2016 · कविता
भक्ति भाव
कुछ भी कर सकते हो तुम
सर्वश्रेष्ठ सर्व समर्थ हो तुम
शब्दों के मोती बन
जाते
भक्ति भाव जग देते तुम
अदृश्य रहो कण कण में दिखते
जिसको लग्न अपनी दे देते
होता मतवाला वो पी तेरा
प्याला
असीम साहस उसमे भरते तुम
खो जाता वो तेरे प्यार
मेंनहीं रह पाये फिर वो संसार में
तेरा नूर जब उसमें
जागे
वेसुध हो वो प्रीत बहार में
शब्द ज्ञान से ऊपर हो तुम भेद भाव से ऊपर हो तुम
तुमसा हो वो तुमको
पहचाने
भाषा परिभाषा से ऊपर हो तुम
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डॉ प्रतिभा प्रकाश पुत्री/श्री वेदप्रकाश माहेश्वरी स्थायी पता मो.राधाकृष्ण ग्राम/पोस्ट अलीगंज जिला एटा उत्तर प्रदेश...

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