
Aug 17, 2016 · मुक्तक
बेवजह ही हम उन्हें मनाने जा रहे थे ।
न जाने क्यों बेवजह ही उन्हें मनाने जा रहे थे ।
वो तो किसी और से ही दिल लगाने जा रहे थे ।
मोम जा दिल हो गया, जबसे मोहब्बत की उनसे ।
आज उस दिल में एक दिया वो जलाने जा रहे थे ।
*** प्रियांशु कुशवाहा ” अनजान “

निवास- आर . के. मेमोरियल स्कूल के पास हनुमान नगर नई बस्ती सतना (म.प्र) शिक्षा-...

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