Dec 21, 2017 · गज़ल/गीतिका
बेटे मेहमान हो गये,
बेटे मेहमान हो गये,
यूँ कन्यादान हो गये
जिनके पास न थी बेटी
वो घर वीरान हो गये
बेटी समझदार कितनी
बेटे नादान हो गये
रीत पुरानी यूँ बदलीं
दोहरे ईमान हो गये
‘वक़्त ‘अर्चना’यूँ बदला
खत्म खानदान हो गये
20-12-2017
डॉ अर्चना गुप्ता

डॉ अर्चना गुप्ता (Founder,Sahityapedia) "मेरी प्यारी लेखनी, मेरे दिल का साज इसकी मेरे बाद भी,...

You may also like: